Loading
Paridhi Par Stri (Hindi) Paperback
Author
Mrinal Pandey
Specifications
  • ISBN 13 : 9788183618311
  • year : 2016
  • language :
  • binding :
Description
परिधि पर स्त्री आज स्त्रियों के काम तथा राष्ट्रीय उत्पाद में उनके कुल योगदान का बड़ा महत्त्व राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर स्वीकार कर लिया गया है। यह भी मान लिया गया है कि एक पुरुष को साक्षर बनाने से एक व्यक्ति ही साक्षर होता है, जबकि एक स्त्री के शिक्षित होने से एक पूरा कुनबा! अकाट्य तौर से यह भी प्रमाणित हो चुका है, कि गरीबतम तबके की औरतों तक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियों तथा सुविधाएँ पहुँचाए बिना संक्रामक रोगों अथवा आबादी पर अंकुश लगाना कतई नामुमकिन है। इसलिए जरूरत है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्तमान रपट का महत्त्व तथा शरणार्थी समस्या का यह अनदेखा पहलू हमारी सरकार भी समझे और इन उपेक्षिता स्त्रियों में कौन हिन्दू है कौन गैर-हिन्दू इसकी स्वार्थी विवेचना की बजाय उन तक जरूरी नागरिक सुविधाएँ और आजीविका के संसाधन पहुँचाने की यथाशीघ्र चेष्टा की जाए, वरना लाख प्रयत्नों के बावजूद राष्ट्रीय प्रगति सही रफ्तार नहीं पकड़ पाएगी। कवि रहीम ने कहा भी था, कि जिस व्यक्ति को याचक बनकर जाना पड़ता है, वह तो जीते जी मरता है, पर उससे भी गया गुजरा वह है, जिसके मुँह से निकलता है 'नहीं'। क्या इन अधमरी स्त्रियों की जरूरतों को जाति-धर्म की तुला पर तौलते हुए हम हर बार राष्ट्र के जमीर की हत्या नहीं करते हैं?