एशिया के दुर्गम भूखंडों में महापंडित राहुल सांकृत्यायन की महत्त्वपूर्ण यात्रा-पुस्तक है, जिसमें लेखक ने मध्य एशिया के कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अक्षुनदी की उपत्यका तथा अफगानिस्तान का भ्रमण-वृत्तान्त दिया है । अपनी कठिन यात्राओं एवं इन यात्राओं की उपलब्धियों के बारे में भी राहुल जी ने सविस्तार वर्णन किया है ।
राहुल जी के यात्रा-साहित्यकी विशेषता है उनकी वर्णन-शैली, जो इतनी आकर्षक है कि पाठक पुस्तक पढते समय यही अनुभव करता है कि वह भी लेखक के साथ-साथ भ्रमण कर रहा है । लेखक की दूसरी विशेषता है उनकी सूक्ष्म पर्यवेक्षकीय दृष्टि, जिससे पाठक मंत्रमुग्ध हो जाता है ।
'एशिया दुर्गम भूखंडों में' की अपनी ऐतिहासिक विशेषता भी है, क्योंकि राहुल जी के देखे हुए कई देशों का इतिहास अब बदल चुका है, इसलिए भी इस पुस्तक का दस्तावेज महत्व बढ़ जाता है। राहुल-साहित्य में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह एक अनिवार्य कृति है ।